तुम हो तो मैं हूँ,,,,
*तुम हो तो मैं हूँ*
तुम हो तो मैं हूँ,
तुमसे ही शुरू,
तुमसे ही ख़त्म हूँ मैं,
जीवन के इस वाद्यवृन्द में,
तुम्हारे हर साज की
आवाज़ हूँ मैं,
घनी दरख्त के समान तुम,
और तुम्हारी मजबूत शाखाओं से
निकली लताएं हूँ मैं,
तुमसे ही पहचान मेरी,
जीवन की डोर तुमसे बंधी,
तुम्हारे जीवन के साँसों की आवाज़ हूँ मैं,
तुमसे मैं,
मुझसे , मेरा ये जीवन,
मेरे वज़ूद की पहचान हो तुम,
शून्य से शुरू,
ज़िन्दगी के सफ़र में,
मेरी चाहतों की मंज़िल हो तुम,
हाँ,
तुम हो तो मैं हूँ,,,,
हाँ, तुमसे ही तो मैं हूँ,,,,
✍️तोषी गुप्ता✍️
03/02/2021
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