वो पल बहुत याद आते हैं
वो पल बहुत याद आते हैं
थाम कर यूँ, वो हाथ तुम्हारा,
अनजाने रास्तों पर चलते जाना,
ठोकर लगी रास्ते पर जो,
तुम्हारा आगे बढ़ मुझे संभालना,
सच कहूं,,,,वो पल बहुत याद आते हैं,,,,
रूठकर तुमसे, यूँ ख़फ़ा बैठ जाना,
बोलते लबों का फिर चुप हो जाना,
तुम्हारा मुझे देखकर फिर मुस्कुराना,
हाथों में लेकर हाथ फिर मस्तक चूम लेना,
सच कहूँ,,, वो पल बहुत याद आते हैं,,,
समन्दर किनारे साथ तुम्हारे बैठना,
दूर क्षितिज से आती लहरों को निहारना,
चाँद की दूधिया रोशनी में गीत गुनगुनाना,
लेकर हाथों में मेरा हाथ, तुम्हारा हौले से दबाना,
सच कहूं,,,वो पल बहुत याद आते हैं,,,,
कांधे पर तुम्हारे रख कर अपना सर,
अपने दुख की पाती तुम्हें सुनाना,
तुम्हारा बड़े ग़ौर से मुझे सुनना,
फिर समेट अपनी बाहों में मुझे ढाढस बंधाना,
सच कहूँ,,, वो पल बहुत याद आते हैं,,,,
✍️तोषी गुप्ता✍️
22/02/2021
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