जीना इसी का नाम है,,,,
*जीना इसी का नाम है*
नादान बचपन की और थी कहानी,
बेफिक्री से जीते तब अपनी जिंदगानी,
ना किसी से गिला, ना किसी से शिकवा है,
बचपन में , जीना इसी का नाम है,,,
अल्हड़ जवानी की बात थी निराली,
रंगीन सपनों से सजी इश्क़ की कहानी,
अरमानों की पुड़िया समेटे सपने हैं,
जवानी में, जीना इसी का नाम है,,,
नई दुल्हन बनी, पिय के संग चल पड़ी,
हसीन सपनों की हक़ीक़त जी उठी,
साड़ी संग लपेटे , जिम्मेदारियां की पोटली है,
गृहस्थ जीवन में जीना इसी का नाम है,,,,
घर के साथ बाहर की जिम्मेदारियाँ उठाती,
अपने हर कर्तव्य का पालन करती,
दोहरी जिम्मेदारियों के साथ हँसती , खिलखिलाती,
स्त्री जीवन में, जीना इसी का नाम है,,,
गिर कर उठना, उठकर चलना,
संघर्षों के पथ पर आगे बढ़ना,
कभी थक जाना, फिर रुक जाना,
रुक कर फिर मंज़िल की ओर बढ़ना,
हे मानवों!! जीना इसी का नाम है,,,
✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻
17/02/2021
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें