गीत कोई गुनगुनाओ
गीत कोई गुनगुनाओ
सूनी सूनी सी कक्षाएं,
सूना सूना सा ये खेल का मैदान,
बच्चों की राह ताकता,
स्कूल हो गया है वीरान ,
ये सूना ब्लैकबोर्ड,
और सूना कॉरिडोर,
वो कैंटीन का कोना,
और लाइब्रेरी की पुस्तकें,
वो लैब की शांति,
वो स्पोर्ट्स रूम की तुम्हारी मस्ती,
वो स्कूल की घंटी,
वो प्रेयर की गूंज,
वो स्कूल में तुम संग उत्सव मनाना,
हर त्यौहार का दोबारा मज़ा लेना,
वो एनवल फंक्शन की रौनक,
वो स्पोर्ट्स डे के कॉम्पिटिशन,
वो राष्ट्रीय त्योहारों का आनंद,
वो बैंड की धुन, वो बूंदी का पैकेट,
सब कुछ बहुत याद आता है ,
बार बार दिन उस समय को याद करता है,
तुमसे ही तो बच्चों रौनक थी,
हर शिक्षक की तुमसे ही पहचान थी,
गीत कोई गुनगुनाओ अब तुम,
स्कूल लौट आओ अब तुम,
थक गई आंखें अब इसऑनलाइन पढ़ाई से,
दिल मचलता है अब , प्यारे बच्चों मिलने को तुमसे,
✍️तोषी गुप्ता✍️
14-07-2021
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