अनुभूति
अनुभूति
आज पिता अनिल की आंखों में खुशी के आंसू थे । बिटिया श्रुति को आई आई टी पलक्कड़ (केरल) से एम टेक करने स्कोलरशिप मिली थी।
कितने परेशान हो रहे थे वो तीन बेटियां और उनकी आर्थिक स्थिति। गांव में एक रेडियो और पंखे बनाने की एक छोटी सी दुकान थी,और थोड़ी खेतीबाड़ी। बमुश्किल सबकी ज़रूरतें पूरी हो पाती। बेटियों की पढ़ाई अच्छे से हो इसलिए पिता गांव में अकेले रहकर काम करते और पत्नी और बच्चों को पढ़ने शहर भेज दिया। बेटियां भी एक से बढ़कर एक होनहार और पढ़ाई में तेज।
बड़ी बेटी श्रुति पूरे प्रदेश में अव्वल थी। बारहवीं में मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त किया था उसने। मेरिट में आने पर उसे बहुत सारे उपहार भी प्राप्त हुए थे शासन की ओर से। लेकिन उच्च शिक्षा के लिए पर्याप्त ना थे।वो बी टेक कर रही थी लेकिन अब भी पिता श्रेया की उच्च शिक्षा को लेकर थोड़े चिंतित थे।
आज इस खबर ने मानों पूरे परिवार को सुखद अनुभूति से सराबोर कर दिया। श्रेया के भविष्य को लेकर पिता निश्चिंत थे। और खुद श्रेया भी स्कॉलरशिप मिलने से बहुत खुश और निश्चिंत थी।
✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻
13-07-2021
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