तुम्हारा प्रेम
तुम्हारा प्रेम
अपने प्रेम के मोहपाश में,
बांध लो मुझको इस तरह,
मिल जाये रूह से रूह,
और लोगों को ख़बर भी ना हो किसी तरह,
डूब जाऊँ तुम्हारे प्रेमरस में,
जैसे राधा डूबी कृष्णा संग,
सारी रात रास रचाये,
प्रेमरस में भीग जाए अंग अंग,
पनाह पाऊँ तुम्हारे आगोश में,
खिल जाऊँ पाकर साथ तुम्हारा,
सर झुका के तुम्हारे सजदे पर
दुआ मांगू मैं रब से , मेरा से हो जाऊं हमारा,
✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻
09-07-2021
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