मौन स्वीकृति
*मौन स्वीकृति*
एक एक्सीडेंट ने पिता को व्हीलचेयर पर बिठा दिया नौकरी भी छूट गई। ऐसे समय में सविता जो अभी अभी बारहवीं पढ़कर निकली थी, बड़ी होने के कारण उसके कंधों पर घर की पूरी जिम्मेदारी आ गई। सविता ने भी अपनी जिम्मेदारी पूरी करने की ठानी और कॉलेज की प्राइवेट पढ़ाई करते हुए घर पर ट्यूशन पढ़ने लगी। बचपन से ही मेधावी सविता की ट्यूशन चल निकली। धीरे धीरे सविता पोस्ट ग्रेजुएट के बाद अपने ही कॉलेज में व्याख्याता हो गई। इधर घर की जिम्मेदारी भी उसने पूरी ईमानदारी से निभाई। छोटी बहन की उच्च शिक्षा पूरी करवाई।उसकी शादी करवाई। छोटे भाई को पढ़ाया लिखाया, उसको भी बैंक में अफ़सर बनाया। परिवार के चलते अपनी कभी सुध ही नहीं ली। अब उम्र भी चालीस के पार हो गई थी। छोटे भाई की भी शादी कर सविता चिंतामुक्त हो जाना चाहती थी। लेकिन भी भी ज़िद पर अड़ा था, कि पहले दीदी का घर बसेगा फिर उसका। अपने भाई को इस तरह घर की जिम्मेदारी स्वयं पर लेटे देख सविता को संतुष्टि थी कि अब उसका भाई हर तरह की जिम्मेदारी उठाने तैयार है, और उसने अपनी शादी की मौन स्वीकृति भाई को दे दी।
,✍️तोषी गुप्ता✍️
27-07-2021
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