toshi

apne vajood ki talash me.........
Related Posts with Thumbnails

शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

अंतर्नाद

 अंतर्नाद



आईने के सामने बैठी आँचल खुद को आईने में निहार रही थी। उसने हल्की ग़ुलाबी साड़ी पहनी हुई थी। खुले बालों में कानों में छोटे झुमके पहनी आँचल बहुत सौम्य लग रही रही। कमरे के एक कोने में सरिता कुर्सी में बैठी कभी अपनी बेटी आँचल को देखती तो कभी खिड़की से बाहर मुख्य दरवाजे को। तभी मुख्य दरवाजे पर एक कार आकर रुकी और सरिता में दरवाजे की ओर भागी। उनके पति सौरभ ने दरवाजा खोला और मेहमान अंदर आ गए।



आज लड़के वाले आँचल को देखने आये थे। औपचारिक बातचीत के बाद सरिता ने आँचल को आवाज़ लगाई। कॉलेज की आत्मविश्वासी प्रोफेसर आँचल आज थोड़ी नर्वस थी। धीरे कदमों से उसने कमरे में प्रवेश किया। सबकी नजरें आँचल पर ही थी। शालीनता से उसने सभी के सवालों का जवाब दिया।



कुछ देर बाद लड़के की माता ने कहा, लड़की तो हमें पसंद है, बस रंग ज़रा सा दबा हुआ है, फिर भी हम शादी के लिए तैयार हैं अगर आप शादी में एक कार और शगुन के पाँच लाख रुपये दें तो। 



सौरभ सहमति जताते हुए बोले," जी, ज़रूर,,,"



अब तक शालीनता से सभी के सवालों का जवाब देती आँचल अचानक उठ खड़ी हुई तो सबसे हाथ जोड़ते हुए बोली, क्षमा कीजिये, अब इस घर में और किसी बेटी की कीमत नहीं लगाई जाएगी, मुझे ये शादी मंज़ूर नहीं है" 



"और मुझे भी,,," अपनी तलाकशुदा बड़ी बेटी के साथ बैठी सरिता ने आज अपने अंतर्नाद को छिपाते हुए दृढ़ता से कहा। क़ाश उसने यही जवाब अपनी बड़ी बेटी के रिश्ते के समय दिया होता तो आज उसकी बड़ी बेटी की यह स्थिति नहीं होती।




✍️तोषी गुप्ता✍️


01-07-2021

0 टिप्पणियाँ:

  © Blogger templates The Professional Template by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP