कल किसने देखा है
कल किसने देखा है
हर एक पल की सांसों के साथ,
ज़िन्दगी गुजरती ही जा रही है,
जी लो इन पलों को जी भरकर,
ज़िन्दगी यूँ ही पिघलती जा रही है,
हंसी यादों के तिनके मुट्ठी में बंद करके,
सहेज कर इन्हें रख लेना ,
रहो जब भी तन्हा, खोल लेना इस मुट्ठी को,
एक बार फिर दोबारा इन लम्हों को जी लेना ,
बंद कर लो गठरी बुरे अहसासों की,
कि बीते हुए वो लम्हें हर पल तुम्हें सतायेंगे
पड़ने न दो छाँव आज पर उस दर्द की,
कि नयी दास्ताँ से नये लम्हें हर नयी सुबह सजायेंगे,
क्यों करें कल की चिंता,
कि कल किसने देखा है,
जी लें जी भरकर आज में,
कि आज तो सबको जीना है,
सोचकर हर पल को आख़िरी,
जी लें कुछ इस तरह ज़िन्दगी,
हर ख्वाहिशें अपनी पूरी कर लें,
हर पल को मान लें पूरी ज़िन्दगी,
✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻
12 जनवरी 2022
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