मुझे गर्व है, स्त्री हूँ मैं,
*मुझे गर्व है, स्त्री हूँ मैं,*
मुझे गर्व है, स्त्री हूँ मैं,
क्योंकि, इस सृष्टि की जननी हूँ मैं,
अपनी कोख़ से जन्में सृजन की सृजनकर्ता हूँ मैं,
समस्त सृष्टि की पालनहार हूँ मैं,
एक माँ के रूप में ममतामयी बनकर,
बच्चों के हर दुख की बलैया लेती,
बेटी के रूप में स्नेहमयी बनकर,
खुद की मुस्कान का कारण बनती,
बहन के रूप में सखा बनकर,
हर मुश्किल घड़ी से बचाती,
तो पत्नी के रूप में हमराही बनकर चलती
सारे सुखदुख की बराबर भागी बनती,
लोपामुद्रा, घोषा, गार्गी,अपाला, मैत्रेयी के रूप में,
प्राचीन भारत को समृद्ध करती,
सावित्रीबाई,सरोजनी,कल्पना, इंदिरा,किरण के रूप में,
नव भारत का मान बढ़ाती,
पल पल संसार को संवारती स्त्री हूँ मैं,
मुझे गर्व है स्त्री हूँ मैं,
✍🏻तोषी गुप्ता✍️
18-02-21
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