शारीरिक और मानसिक रोगों के लिए उत्प्रेरक है- नकारात्मक सोच
*शारीरिक और मानसिक रोगों के लिए उत्प्रेरक है- नकारात्मक सोच*
हमारे ब्रेन की एक एक कोशिका कई हज़ार कोशिकाओं से जुड़ी होती है। जिससे हमारे दिमाग में कोई भी विचार आये वो अन्य कई हज़ार कोशिकाओं को प्रभावित करती है। जिस तरह एक सकारात्मक सोच से हमारे ब्रेन की कोशिकाओं में लाभदायक रसायनों का भी उत्सर्जन और स्त्राव होता है, जो कई हज़ार कोशिकाओं में उस सकारात्मक और लाभदायक रसायन का संचार करता है उसी तरह एक नकारात्मक सोच से हमारे ब्रेन की कोशिकाओं में हानिकारक रसायनों का भी स्त्राव होता है जो कई हज़ार कोशिकाओं तक उस नकारात्मक और हानिकारक रसायनों का संचार करता है। जिससे इंसान ना केवल शारीरिक अपितु मानसिक रोगों का शिकार भी हो सकता है। वहीं एक सकारात्मक सोच से इंसान शारीरिक और मानसिक रोगों से निजात भी पा सकता है जो कि सिर्फ उसके आत्मबल और सकारात्मक सोच से ही संभव है।
✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻
20-05-2021
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