पापा की शेरनी
पापा की शेरनी
पापा की परी नहीं अब पापा की शेरनी है बनना,
पापा की कमज़ोरी नहीं अब पापा की शक्ति है बनना,
नन्हें कदमों से अब आकाश है नापना,
कदम से मिला कदम पापा के साथ है बढ़ना,
नन्ही हथेलियों से पापा का हाथ थामे चलना,
फिर चलकर आगे पापा की हिम्मत बन बढ़ना,
पैरों पर खुद के खड़ा होकर पापा की इच्छा पूरी करना,
पहुंच पर लक्ष्य पर अपने ,पापा की उम्मीदों पर खरा उतरना
तोड़कर सारे रूढ़ी रिवाज़
ना बनना कभी किसी के हाथों का खिलौना,
काम अनोखा करके जग में पापा का नाम रोशन करना,
✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻
23/04/2021
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