दिल कहता है,,,,
*दिल कहता है*
कर के किसी की मदद मुसीबत में,
निकाल कर किसी को ग़म के अंधेरों से,
बचा कर किसी को राह की ठोकरों से,
दिल कहता है अब भूल जा सब,,,,,,
कर के किसी से गिले शिकवे,
पालकर कुछ ज़ख्म पुराने,
हो किसी से ग़र बदले का भाव,
दिल कहता है अब भूल जा सब,,,,,
बातों के कुछ सिलसिले हों,
दुखों के कई अम्बार हों,
या रेखांकित कुछ हादसे हों
दिल कहता है अब भूल जा सब,,,
धुंधली कोई तस्वीर हो,
दर्द का कोई सैलाब हो,
या आँखों में अश्क़ के मोती हों
दिल कहता है अब भूल जा सब,,,
बनाकर भविष्य की नई तस्वीर ,
बुनकर सपनों के नए ताने- बाने,
मुस्कुरा कर जीवन के हर राह पर,
दिल कहता है , हर ग़म भूल अब आगे बढ़,,,,,
✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻
14/04/2021
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