हाँ,,,, मैं एक कामकाजी स्त्री हूँ,,,,,
मैं अपना घर भी संभालती हूँ, और बाहर अपना कार्य भी बख़ूबी करती हूँ,,,,,,,
हँस कर घर के सारे काम निपटाती हूँ,
फिर चेहरे पर शांत भाव लिए अपने कार्यस्थल पर अपनी जिम्मेदारी निभाती हूँ,,,
हाँ,,,, मैं एक कामकाजी स्त्री हूँ, मैं अपनी जिम्मेदारी निभाती हूँ,,,,
आख़िर तुम घर पर रह कर करती क्या हो,,,,?
इस सवाल का उत्तर भी बखूबी जानती हूँ,
क्योंकि मैं वो स्त्री हूँ, जो घर और बाहर दोनों संभालती हूँ,
हाँ मैं एक कामकाजी स्त्री हूँ ,मैं घर और बाहर की दोहरी जिम्मेदारी निभाती हूँ,,,,,,
घर की जिम्मेदारी क्या होती है, ये भला हमसे बेहतर कौन जानता है,
क्योंकि घर में दुधमुँहे बच्चे को छोड़कर,
बाहर अपने कार्य में मन लगा पाना,
इस स्थिति को भला हमसे बेहतर कौन जानता है,
हाँ,,, मैं एक कामकाजी स्त्री हूँ, और ये मैं बख़ूबी जानती हूँ,,,,
अरे वो तो अपने शौक के लिए नौकरी करती है,,,,,,
अरे ये कहने वालों,
डबल ड्यूटी कौन करना चाहेगा, ये भी तो बताओ,
भला तुम घर में रहकर करती क्या हो ,,,? जैसे इसका उत्तर तुमसे बेहतर कोई नहीं जानता,,,
वैसे ही, वो आखिर घर के बाहर करती क्या है, इसका उत्तर मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता,
हाँ मैं एक कामकाजी स्त्री हूँ, इसका उत्तर मैं जानती हूँ,,,,,
देखा गया है, एक औरत ही औरत की सबसे बड़ी दुश्मन होती है,
एक औरत को प्रताड़ित करने वाली,
उसे दुख देने वाली, उसे नीचा दिखाने वाली,
उसे बदनाम करने वाली दूसरी औरत ही होती है,
पुरुष तो बेचारे नाहक ही बदनाम होते हैं,,,,,
क्यों न आज एक संकल्प करें,
एक औरत बन दूसरी औरत का सम्मान करें,
जिस तरह एक कामकाजी स्त्री तुम्हें समझती है, तुम्हें मान देती है, तुम्हारे कार्य का सम्मान करती है ,
उसी तरह तुम घर को बनाने वाली महिला भी उस कामकाजी स्त्री को समझो, उसे मान दो, और उसके कार्य का सम्मान करो,
हाँ मैं एक कामकाजी स्त्री हूँ,
मैं होम मेकर और वर्किंग वीमेन दोनों का सम्मान करती हूँ,
क्योंकि मैं होम मेकर भी हूँ
और वर्किंग वीमेन भी हूँ,
हाँ, मैं एक कामकाजी स्त्री हूँ,,,,
✍️तोषी गुप्ता✍️
08/03/2021
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