लॉकडाउन के साइड इफ़ेक्ट
*लॉकडाउन के साइड इफ़ेक्ट*
सुयश का ऑफिस घर से 100 कि.मी. दूर था तो उसने वहीं ऑफिस के पास 1 रूम ले लिया रहने के लिए। 8-10 दिन में एक बार सुयश घर आता। घर में बच्चों का दिन भर उछल- कूद करना तेज आवाज में टी वी या गाने चलाना सुयश को बिल्कुल पसंद नहीं था। फिर घर आकर सुयश सीमा से भी यही आशा करता कि वो कम से कम बातें करें। बेचारी दिन भर घर का काम निपटाती और सास- ससुर की सेवा करती सीमा शाम को सुयश का मूड खराब होने के डर से शांत ही रहती तो कभी सुयश की इस हरकत से परेशान होकर उस पर भड़क भी जाती । इसलिए सुयश काफी दिनों बाद घर आता उसे तो घर में शांति चाहिए होती थी। इधर कोरोना के बढ़ते केस ने स्कूलों की छुट्टियां कर दी तो बच्चे घर पर ही थे तो सुयश अभी 10 दिन बाद भी घर नहीं आना चाहता था। फिर एक दिन की लॉकडाउन की घोषणा सुनकर सुयश भी खुश हुआ चलो आज उसे 1 दिन की छुट्टी तो मिली आज वो अपने रूम में जी भरकर सोएगा। लेकिन ये क्या,,,,? जल्दी ही खबर आ गई कि अब लॉकडाउन 21 दिनों का होगा। सुयश ने सोचा अच्छा ही हुआ जो वो घर पर नहीं है नहीं तो दिन भर उसे बच्चों का चीखना चिल्लाना और सीमा की शिकायतें सुनना पड़ता। धीरे - धीरे दिन बीतने लगे। शुरू के कुछ दिन तो सुयश ने बड़े आराम से बिताए पर धीरे धीरे उसे घर का अकेलापन सताने लगा। शांत रहे भी तो आखिर कितने दिन....? अब उसे अपने परिवार की याद सताने लगी, बच्चों की आवाज़ सुनना चाहता था वो, और सीमा की शिकायतें भी। 21 दिन पूरे होने को थे , सुयश खुश था कि अब वो अपने घर जा सकेगा लेकिन उसकी ये खुशी मायूसी में बदल गई जब लॉकडाउन अनिश्चित समय के लिए बढ़ा दिया गया। उसे रोना ही आ गया। अब उसे अपने परिवार की कीमत समझ मे आने लगी। जैसे तैसे उसने स्पेशल पास बनवाया और निकल पड़ा खुशी खुशी अपने घर की ओर,,,,, । दरवाज़े की घंटी बजी। अभी लॉकडाउन में कौन आया है, डरते डरते सीमा ने दरवाजा खोला, देखा,,, दरवाज़े पर सुयश खड़ा है। सीमा को सामने देख सुयश खुशी से उछल पड़ा। अंदर आया देखा दौड़ कर बच्चों ने पहले टी वी ऑफ किया फिर दुबक के पर्दे के पीछे खड़े हो गए। सुयश को अब तक अपनी गलती का अहसास हो चुका था। उसने नहाधोकर कपड़े बदले और अक्सर अपने कमरे में घुस रहने वाला सुयश बाहर आकर हॉल में बच्चों के साथ बैठ गया। पहले टी वी चालू किया फिर पकोड़ों की फरमाइश की । फिर बच्चों के साथ कैरम खेलने लगा। बच्चे पहले सहमे हुए थे लेकिन धीरे धीरे पूरा घर बच्चों के साथ सुयश की आवाजों और ठहाकों से गूंजने लगा। आखिर इस लॉकडाउन ने उसे परिवार का महत्व सीखा दिया था। और सीमा लॉकडाउन के इस साइड इफ़ेक्ट को देखकर खुश थी। इधर सुयश ने भी फैसला कर लिया था कि वो जल्दी ही अपने तबादले की अर्जी दे देगा और अब कभी अपने परिवार से दूर नहीं रहेगा।
✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻
23-03-2021
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