हिम्मत ना खोना
*हिम्मत ना खोना*
देख कर काँटों भरा पग,
तुम मुँह न मोड़ना,
राह में आएं कितनी भी मुश्किलें,
मग़र तुम हिम्मत ना खोना,
स्त्री का जीवन है कठिन डगर,
तुम संभलकर चलना,
कर्तव्य और अधिकार की कशमकश हो कितनी,
मग़र तुम हिम्मत ना खोना,
सायकल के पहियों सा तुम्हारा जीवन,
संतुलन तुम बनाना,
कभी थोड़ा स्वार्थी बन जाना,
मग़र तुम हिम्मत ना खोना,
ममतामयी माँ हो तुम,
बच्चों को हौसला देना,
कभी निष्ठुर माँ बन जाना,
मग़र तुम हिम्मत ना खोना,
कभी दुर्गा कभी काली रूप धर,
खुद को दुष्टों से बचाना,
कभी त्याग की मूरत बन जाना,
मग़र तुम हिम्मत न खोना
✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻
03/03/2021
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