नारी शक्ति सम्मान
नारी शक्ति सम्मान
पूरे समारोह में सबकी नजरें सचिन और शिखा पर ही थी। एक दूजे का हाथ थामे सचिन और शिखा जैसे एक दूजे के लिए ही बनें हों। सक्सेसफुल बिज़नेसमैन सचिन और उसकी पत्नी शिखा जो अक़्सर पत्र-पत्रिकाओं में अपनी रचना भेजती रहती। आज महिला दिवस पर उसके साहित्यिक योगदान पर उसे राज्य शासन द्वारा "नारी शक्ति सम्मान" से पुरस्कृत किया जा रहा था। स्त्री विमर्श और नारी सशक्तिकरण की अद्भुत लेखिका के रूप में उभरी थी शिखा। जब उसे मंच पर पुरस्कार मिल रहा था, तब अपनी जगह पर खड़े होकर उत्साह से ताली बजाते सचिन की ओर सबकी नजरें जमी हुईं थी। समारोह से घर लौट शिखा उस सम्मान को अपने हॉल में सजाने लगी।
"अरे शिखा छोड़ो भी ये सब, जोरों की भूख लगी है जल्दी से खाना निकालो", सचिन ने कहा,
समारोह की खुशियों में तक खोई शिखा ने जल्दी से सब्जी गर्म की और गर्म गर्म पराठे परोसने लगी। अभी दूसरा पराठा सेक ही रही थी शिखा की ज़ोर से सचिन की आवाज़ आई,
"ये क्या है शिखा",
दौड़ती हुई शिखा सचिन के पास आई और , तड़ाक,,,,,, एक झन्नाटेदार चांटे से शिखा सहम गई।
जले हुए पराठों को एक तरफ सरकाते सचिन गुस्से से थाली छोड़ अपने कमरे की तरफ चला गया। सन्न खड़ी शिखा को आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मिला नारी शक्ति सम्मान मुँह चिढ़ाता नज़र आया और सचिन के हाथों के निशान उभरे उसके लाल गालों पर उसकी आँखों से दो बूँद लुढ़क पड़े।
✍️तोषी गुप्ता✍️
07-03-2022
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