एक कप चाय की प्याली
एक कप चाय की प्याली
ससुराल में निशा का पहला दिन उसकी परीक्षा का दिन ही था। सुबह 6 बजे नहा धोकर ही किचन में आने का फ़रमान उसे कल रात ही दे दिया गया था। प्रिय के साथ पहली रात की खुशी के साथ निशा को सुबह जल्दी उठने की भी चिन्ता थी। फ़रमान के अनुसार ही निशा सुबह 6 बजे ही नहा धोकर नीचे किचन पहुँच गई। निशा का कमरा पहली मंजिल पर तो किचन और हॉल भूतल पर था । ससुराल में पहले भगवान की पूजा करने का नियम था उसके बाद बाकी के काम, तो सारी पूजा विधि से पहले पूजा की गई और उसे सिखाया भी गया। फ़िर दौर शुरू हुआ सुबह की चाय का। सासूमाँ और ससुर जी की चाय पहले बनी। निशा को भी साथ में चाय लेने बोला गया, उसका भी मन हुआ चाय पीने का पर संकोच के कारण उसने ना कर दी और उसे इंतज़ार भी था अपने पति विकास का। धीरे-धीरे एक - एक करके उसकी ननद, फिर दोनों देवर उठ के आये। सबके लिए बारी - बारी से चाय बनाती निशा को भी अब चाय की तलब होने लगी।उसे सुबह चाय पीने की आदत थी लेकिन वो तो विकास का इंतज़ार कर रही थी।अब तक तो उसने काम वाली बाई को भी चाय बनाकर पिला दी। विकास अपनी नींद पूरी करके ही आये। डायनिंग हॉल में विकास के साथ निशा भी अपनी चाय की प्याली ले आई। चाय की पहली चुस्की से मानो उसकी जान में जान आई। आज पहली बार उसे अहसास हुआ कि एक चाय की प्याली कितनी अहम होती है। विकास ने चुपचाप अपनी चाय ख़त्म की। फिर तैयार हो ऑफिस के लिए निकल गया। शाम को ऑफिस से आया तो निशा के सर में हल्का दर्द था। निशा ने विकास को बताया कि यदि वो सुबह समय पर चाय ना पिये तो उसे सरदर्द होने लगता है। विकास ने उसे दावा देकर सुला दिया, और खुद थोड़ा मार्केट से आने की बात कहकर चला गया। वो आया तो निशा सो चुकी थी। अगली सुबह विकास ने निशा को उठाया। निशा ने देखा कि विकास चाय की प्याली हाथ में लिए खड़े हैं। विकास ने कहा, "चलो जल्दी से चाय पी लो, फिर बाकी के काम करना।" निशा ने आश्चर्यचकित हो के विकास से पूछा। विकास ने इलेक्ट्रिक टी मेकर की ओर इशारा किया और मुस्कुराते हुए बोले, अब जल्दी से चाय खत्म करो, और तैयार होके नीचे जाओ, माँ चाय के लिए तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।" निशा की आँखों में खुशी के आँसू के साथ विकास के लिए आदर के भाव भी बढ़ गए।
✍️तोषी गुप्ता✍️
15-03-2022
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