अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की सार्थकता तब, जब महिला को महसूस हो हर कदम पर सुरक्षा और मान-सम्मान
*अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की सार्थकता तब, जब महिला को महसूस हो हर कदम पर सुरक्षा और मान-सम्मान*
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आज के दिन जहाँ महिलाओं का विशेष दिन उन्हें तरह - तरह से सम्मानित करके उन्हें उचित मान-सम्मान देकर मनाया जाता है वहीं ज़रूरत है कि हर दिन महिलाओं को उचित मान-सम्मान जीवन के उस हर कदम पर मिले, जहाँ वो खुद को आज असुरक्षित महसूस करती है। महिलाओं का ये मान-सम्मान महज़ मंच के नाटकीय रूप में ना होकर, वास्तविक जीवन में महिलाओं के प्रति वास्तविक आदर और उनको उचित अवसर प्रदान कर के हो। जहाँ महिलाएँ ना केवल हर कदम पर स्वयं को सुरक्षित महसूस करे बल्कि अपना हर अगला कदम निर्भीकता से इस आत्मविश्वास से बढ़ाए कि रुग्ण पुरूषोचित्त मानसिकता से परे उसे ना केवल मौखिक तौर पर सम्मान मिलेगा बल्कि पुरुषों की नज़र मात्र से नारी अस्मिता पर प्रहार करने की बजाय पुरुषों की नज़र में भी उन्हें अपने प्रति वही सुरक्षा और मान- सम्मान महसूस हो जैसे कि उसे अपने पिता या भाई से प्राप्त होता है। जिस दिन महिलाओं को अपने दैनिक जीवन में इस सुरक्षा और मन-सम्मान का अनुभव होने लगेगा उस दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का यह विशेष दिन मनाने का औचित्य सार्थक हो जाएगा।
✍️श्रीमती तोषी गुप्ता✍️
08-03-2022
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