आंकलन
आंकलन
परीक्षा की नीयत तारीख पास आते जा रही थी। इधर मुकुल और शिवम दोनों ही अपनी परीक्षा की तैयारी में जोर शोर से लगे हुए थे। मुकुल और शिवम बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं हमेशा दोनों एक दूसरे से कुछ ही नंबरों से आगे - पीछे होते लेकिन पिछले 3 वर्षों से मुकुल परीक्षा में शिवम से अधिक नंबर लेकर आता और अव्वल रहता। शिवम कुछ नंबरों से मुकुल से पीछे रह जाता। यही वजह थी कि इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में भी मुकुल निश्चिंत था कि वो ही अव्वल आएगा। और इसी अतिआत्मविश्वास और आंकलन के साथ मुकुल पढ़ाई के प्रति थोड़ा लापरवाह भी हो गया था। जबकि शिवम अपनी पूरी लगन और निष्ठा से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया हुआ था। दोनों ने अच्छी तरह परीक्षा दी। आज परिणाम का दिन था। और शिवम ने पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। वहीं अपनी अतिआत्मविश्वास और गलत आंकलन के कारण मुकुल ने प्रदेश में नौवाँ स्थान प्राप्त किया था। परिणाम के साथ ही मुकुल सोच रहा था कि काश वो अपनी योग्यता का आंकलन नहीं कर सिर्फ परीक्षा की तैयारी पर अपना ध्यान केन्द्रित किया होता, तो उसके परीक्षा परिणाम और बेहतर हो सकते थे।
✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻
01-06-2021
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