पहचान
पहचान
आसमान में
अनगिनत सितारे,
चमकते हैं,
बिना नाम के,
और बिना पहचान के,
लेकिन उनका वजूद
अमोल है,
इस खगोल के लिए,
चिराग जलता है
हर एक पल
हर क्षण
बिना अपने वजूद का
ख्याल किये
बिना चिराग़ तले,
अंधेरे की परवाह किये,
और बिखेर देता है
रौशनी संग खुशियाँ
चहुँ ओर
उसका वजूद अमोल है
अंधेरे के लिए,,,
बहुत ज़रूरी है
जीवन में
एक नाम का होना
उससे भी ज़रूरी है
एक पहचान का होना,
लेकिन
सबसे अधिक ज़रूरी है
उसके व्यक्तित्व का होना
उसका व्यक्तित्व अमोल है
उसकी पहचान के लिए
कर्म पथ पर
बढ़े चल
बिना फल की चिंता किये
कर्म तुझे
स्वतः पहचान दिलाएगा
प्रगति सोपान पर
तू विजय पताका फहराएगा
तेरा कर्म अमोल है
तेरी सफलता के लिए
✍️तोषी गुप्ता✍️
26-06-2021
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