फ़र्ज़
फ़र्ज़
ऑपरेशन थियेटर के बाहर जलती लाल बत्ती बंद होते ही सबकी नजरें ऑपरेशन थियेटर की दरवाजे की ओर ताक रही थी। डॉक्टर को आता देख अब तक मायूसी में बैठे सब उनकी तरफ दौड़े। डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए कहा, बधाई हो अनुज का ऑपरेशन सफ़ल हुआ। खुशी से सबकी आंखों से आँसू बहने लगे।
अनुज के माता-पिता के साथ वहां मौजूद विराज के माता-पिता की आँखों से भी बरबस ही आँसू निकल पड़े। एक एक्सीडेंट में बुरी तरह घायल और ब्रेन डेड घोषित विराज का दिल आज अनुज के शरीर में धड़क रहा था।
अनुज के माता-पिता ने भीगी आंखों से विराज के माता-पिता का धन्यवाद किया और फिर आपस में इशारा कर सहमति जता दोनों ने मरणोंपरांत अपने अंगदान के एक-एक फॉर्म में हस्ताक्षर कर हॉस्पिटल में जमा कर दिया। दोनों इस फ़र्ज़ को पूरा कर अब मुस्कुरा रहे थे मानो उन पर से कोई कर्ज़ उतर गया हो।
✍️तोषी गुप्ता✍️
18-02-2022
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें