हरियाली तीज
हरियाली तीज
धरा का श्रृंगार अनोखा,
पल पल रूप बदलता है,
सावन में हरियाली छाए,
नवरूप सुंदर सजता है,
उमड़ घुमड़ बदरिया बरसे,
कोयल बागों में कूकती,
बारिश की बूंदों में भीगकर,
जंगल में मोर पर फैलाती,
सखियाँ प्यारी गीत गुनगुनाती,
बागों में मगन झूला झूलती,
बिन्दिया, चूड़ी, मेहन्दी लाली,
सोलह श्रृंगार में खूब सजती,
हरियाली तीज की धूम
चारों ओर मचती,
धानी चुनरिया ओढ़ कर
पिया मिलन को तरसती ,
मिट्टी की सोंधी ख़ुशबू,
चहुँ ओर बिखरती,
नए नए पकवानों से,
माँ की रसोई महकती,
✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻
11-08-2021
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