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रविवार, 29 अगस्त 2021

जाना पहचाना

 जाना-पहचाना




कभी-कभी कोई शख़्स, जाना पहचाना सा लगता है,


मिल जाये अनजाने में आंखें,


फिर बार-बार आंखें मिलाने को जी करता है,


दिख जाए एक बार,


तो बार -बार देखने को जी करता है,


देखकर उसे सुकून सा मिलता है,


मिलकर उससे बरसों का, नाता सा लगता है,


बातें कर उससे दिल की हर बात,


बयां करने को दिल करता है,


बाँट कर सुख दुख , 


दिल हल्का करने को जी करता है,


बिना पूछे ही उसे,


सब बताने को दिल करता है,


कभी कभी कोई शख़्स,


जाना पहचाना सा लगता है,,




✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻


29-08-2021

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बुधवार, 11 अगस्त 2021

हरियाली तीज

 हरियाली तीज



धरा का श्रृंगार अनोखा,


पल पल रूप बदलता है,


सावन में हरियाली छाए,


नवरूप सुंदर सजता है,


उमड़ घुमड़ बदरिया बरसे,


कोयल बागों में कूकती,


बारिश की बूंदों में भीगकर,


जंगल में मोर पर फैलाती,


सखियाँ प्यारी गीत गुनगुनाती,


बागों में मगन झूला झूलती, 


बिन्दिया, चूड़ी, मेहन्दी लाली,


सोलह श्रृंगार में खूब सजती,


हरियाली तीज की धूम


चारों ओर मचती,


धानी चुनरिया ओढ़ कर 


पिया मिलन को तरसती ,


मिट्टी की सोंधी ख़ुशबू,


चहुँ ओर बिखरती,


नए नए पकवानों से,


माँ की रसोई महकती,





✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻


11-08-2021

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सोमवार, 9 अगस्त 2021

स्वर्णिम जीत

 स्वर्णिम जीत



जीत कर सोना नीरज ने 


स्वर्णिम इतिहास रचा है,


देश के जन मानस के मन में,


नीरज नाम बसा है,




राणा के वंशज के रूप में


फिर देश का नाम हुआ है,


दिखा जौहर भाला फेंक में,


विश्व पटल पर नाम हुआ है,




देख कर तिरंगा शिखर पर,


हर देशवासी का सीना चौड़ा हुआ है,


जन-गण-मन की धुन सुनकर,


सजल नेत्र मन आनंदित हुआ है,




भारत के गौरव के रूप में,


नीरज नाम गूँजा हुआ है,


तुम्हारे साथ हर देशवासी का भाल,


स्वर्णिम आभा से जगमगाया हुआ है,




✍️तोषी गुप्ता✍️


09-08-21

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जीत

 जीत


  


जीवन में कुछ कर जाने का


हौसला तू जगाए जा,


बड़ा हो या पग छोटा हो,


हर पल आगे बढ़ाए जा,




जज़्बा हो जीत जाने का जब,


हर घबराहट छिपाए जा,


आखिर में जीत तेरी होगी,


मन में ये विश्वास जगाए जा,




ग़र थक भी जाना कभी जब,


मन में स्फूर्ति जगाए जा,


थक कर चलना, थम कर चलना,


बढ़ते रहने का दौर चलाए जा,




साध का अपना लक्ष्य,


धीरे कदम बढ़ाए जा,


राह की हर मुश्किलें लांघ कर,


जीत की ओर नाव चलाए जा,





✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻


09-10-21

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शुक्रवार, 6 अगस्त 2021

सपने में दादा जी




 सपने में दादा जी




गहरी नींद में मैं सोया,


फिर जाने कब अपने सपनों में खोया,


बादलों के गहरे सागर में,


एक नाव में बैठा,


खुद को पाया,


गुमसुम सा बैठा,


निहारता चारों ओर,


बादलों के ऊपर भी,


टिमटिमाते तारे सब ओर,


दूर से पास आती रोशनी अचानक,


पहचान में बदलने लगी,


एक सितारे की पूंछ पकड़,


दादाजी की चाल पहचान आने लगी,


पास आ दादाजी ने हाल चाल जाना,


फिर अपनी बातों से खूब हँसाया,


ढेर सारी मन की बातें दादा जी को बताया,


जो न कह सका किसी से,


वो दादाजी को बताया,


अपनी उलझन भी दादा जी को बताई,


कई शिकायतें भी उनको सुनाई,


खूब बातें करते दादा जी,


मेरी हर उलझन सुलझाते दादा जी,


फिर थक कर सो गया दादा जी के कांधों पर,


 फिर खो गया सपने के सपनों में,




✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻



06-08-2021

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सोमवार, 2 अगस्त 2021

ये दोस्तों का साथ

 ये दोस्तों का साथ,,,



मिल जाये जब दोस्तों का साथ,


सारे गम भुला कर,


 मिल जाये एक नई आस,


हर खुशी बाँट लें,हर ग़म बाँट लें,


मन की हर दुविधा बाँट लें,


ख्वाहिशों की फ़ेहरिस्त को पूरी करने की सलाह माँग ले,


बैठ कर चाय की टपरी में,


बारिश का आनंद ले लें,


एक समोसे पर टूट पड़ सब साथ,


हर एक टुकड़े का मज़ा ले लें,


एक की मुसीबत में सब साथ खड़े हों,


हर विपदा से खुद लड़ लें,


दोस्त की खुशी में खुश होकर,


उसके साथ जश्न भी मना लें,


ऐसा होता दोस्तों का साथ,


हर पल कराता अहसास,


कि तुम अकेले नहीं हो,


खुशी हो या ग़म हो,


हमारा साथ हरदम हो,





✍🏻तोषी गुप्ता✍🏻


02-08-2010

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