ओस की बूँदों से रिश्ते
ओस की बूंदों से नाज़ुक होते हैं ये रिश्ते,
प्यार ज्यादा बढ़ जाये तो पानी बन बह जाए ये रिश्ते,
तकरार की ताप पर मुरझा जाएं ये रिश्ते
संतुलित प्यार और तकरार से मोती बन चमक जाएं ये रिश्ते
अपने वजूद की तलाश में...........
ओस की बूंदों से नाज़ुक होते हैं ये रिश्ते,
प्यार ज्यादा बढ़ जाये तो पानी बन बह जाए ये रिश्ते,
तकरार की ताप पर मुरझा जाएं ये रिश्ते
संतुलित प्यार और तकरार से मोती बन चमक जाएं ये रिश्ते
© Blogger templates The Professional Template by Ourblogtemplates.com 2008
Back to TOP
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें