चिंता
चिंता
सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स के प्राइवेट क्लिनिक में आज हलचल कुछ कम थी। मरीजों की संख्या भी कम थी। आवक कम की वजह में पता चला कि कसबे के एक समाजसेवी संस्था ने आज निःशुल्क मेडिकल कैम्प लगा रखा है जहाँ पास के शहर के नामी गिरामी स्किल्ड डॉक्टर्स अपनी निःशुल्क सेवाओं के साथ निःशुल्क दवाओं का वितरण भी कर रहे हैं। दूर दराज के गांवों के भी बीमार ज़रूरतमंद आज इस कैम्प में एक आशा के साथ आ रहे थे और मुकुराहट लिए ढेरों दुवाएं देते चले जा रहे थे। अचानक कैम्प में खलबली मच गई। पता चला कि अवैध रूप से बिना सरकारी अस्पताल के परमिशन के मेडिकल कैंप लगाने पर उस समाजसेवी संस्था पर कार्यवाही का नोटिस मिला है। नोटिस मिलते ही संस्था के प्रतिष्ठित लोग कैंप से नदारत हो गए , आखिर एन मौके पर उन्हें कसबे के डॉक्टर्स से ही इलाज मिल सकता था। कुछ समय बाद कसबे के डॉक्टर्स के शिकन भरे चेहरों पर असीम शांति का भाव था और इधर मरीजों के चेहरों पर पुनः चिंता के भाव उभर आये थे।
सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स के प्राइवेट क्लिनिक में आज हलचल कुछ कम थी। मरीजों की संख्या भी कम थी। आवक कम की वजह में पता चला कि कसबे के एक समाजसेवी संस्था ने आज निःशुल्क मेडिकल कैम्प लगा रखा है जहाँ पास के शहर के नामी गिरामी स्किल्ड डॉक्टर्स अपनी निःशुल्क सेवाओं के साथ निःशुल्क दवाओं का वितरण भी कर रहे हैं। दूर दराज के गांवों के भी बीमार ज़रूरतमंद आज इस कैम्प में एक आशा के साथ आ रहे थे और मुकुराहट लिए ढेरों दुवाएं देते चले जा रहे थे। अचानक कैम्प में खलबली मच गई। पता चला कि अवैध रूप से बिना सरकारी अस्पताल के परमिशन के मेडिकल कैंप लगाने पर उस समाजसेवी संस्था पर कार्यवाही का नोटिस मिला है। नोटिस मिलते ही संस्था के प्रतिष्ठित लोग कैंप से नदारत हो गए , आखिर एन मौके पर उन्हें कसबे के डॉक्टर्स से ही इलाज मिल सकता था। कुछ समय बाद कसबे के डॉक्टर्स के शिकन भरे चेहरों पर असीम शांति का भाव था और इधर मरीजों के चेहरों पर पुनः चिंता के भाव उभर आये थे।
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