गुरुवार, 16 अप्रैल 2009
शनिवार, 4 अप्रैल 2009
कथकली का मजाक कंहा तक उचित है...............
जी टीवी में प्रसारित "Dance India Dance" जिसमे सुपर स्टार मिथुन चक्रवर्ती शो के ग्रैंड मास्टर हैं उनकी उपस्थिति में 04th april रात 10 बजे प्राचीन भारतीय नृत्य "कथकली" का प्रदर्शन एक हिन्दी फिल्मी गाने पर किया गया था ।भारतीय शास्त्रीय नृत्य के लिए यह बहुत ही गौरव की बात है की अब शास्त्रीय नृत्य हर ज़गह लोकप्रिय हो रहे है लेकिन "डांस इंडिया डांस" के इस शो को देखने के बाद शास्त्रीय नृत्य प्रेमियों के लिए यह एक बहुत ही शर्मनाक और दुःख का विषय है की उपरोक्त प्रोग्राम में कथकली नृत्य की किस तरह धज्जियाँ उडाई गई है ।बहुत ही फूहड़ गाने "चुम्मा -चुम्मा दे दे " जैसे फिल्मी गाने पर कथकली जैसे प्राचीन नृत्य शैली पर नृत्य का भौंडा प्रदर्शन आख़िर कंहा तक उचित है ? शायद इस डांस की choreographer "मास्टर गीता" को भी यह अहसास नही की उन्होंने कुछ नया प्रयोग करने के चक्कर में सिर्फ़ कथकली ही नही पूरे भारतीय शास्त्रीय नृत्य का किस तरह मजाक उड़ाया है? शायद वो ये भूल गई थी की शास्त्रीय नृत्यों की जीवन्तता आज भी बरक़रार है उनका अपना एक महत्व है ,उनकी अपनी अलग एक पहचान है.प्रयोग तो शास्त्रीय नृत्यों में भी किए जाते है लेकिन झूठी और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का इससे आसन रास्ता शायद उन्हें नही मिला होगा जो मास्टर गीता ने कथकली नृत्य में "चुम्मा-चुम्मा दे दे" गीत का प्रयोग किया.यदि वो इस नृत्य शैली में किसी और गीत का प्रयोग करती तो शायद शास्त्रीय नृत्य प्रेमियों को इतना दुःख नही होता.