सहयोग की ज़रूरत है,,,,
बचपन में जब ,
तालमेल न बिठा पाये बच्चा,
दोस्तों से अपने,
रह जाए अकेला दोस्तों के बीच,
एक इंसान अदद चाहिए उसे ऐसा,
जो समझ सके उसे,
फिर चाहे वो माँ ही क्यों न हो,
उसे सहयोग की ज़रूरत है ,
एक माँ की,
उम्र हो नादान जब,
दोस्तों का हो साथ जब,
हँसी ठिठोली मस्ती भरे कदम,
बढ़ न जाये गलत राहों पर तब,
एक दोस्त चाहिए उसे ऐसा,
जो उसे रोक सके ग़लत राहों पर बढ़ने से,
फिर चाहे वो पिता ही क्यों न हो
उसे सहयोग की ज़रूरत है, एक पिता की,
बढ़ चले अब कदम,
भविष्य संवारने की ओर,
सपनों को पूरा कर,
लक्ष्य को पाने की ओर,
एक साथ चाहिए उसे ऐसा
जो हौसला उसका बढ़ा सके हर कदम,
फिर चाहे वो दोस्त ही क्यों न हो,
उसे सहयोग की ज़रूरत है, एक दोस्त की,
हो गए सपने जब पूरे,
आई अब जिम्मेदारियों की बारी,
हर ज़रूरत सबकी पूरी करते,
खुद की भी परवाह ना करते,
एक हमसफ़र चाहिए उसे ऐसा,
जो निभा सके उसके हर कदम से कदम,
फिर वो चाहे पत्नी ही क्यों न हो,
उसे सहयोग की ज़रूरत है , एक पत्नी की,
उम्र की ढलती सांझ में,
बच्चों के सपनों को जीते हर पल में,
कंधे झुक गए जब,
जिम्मेदारियों के प्रभाव से,
एक अटूट बंधन आस-पास चाहिए
जो उनके अकेलेपन को दूर कर सके,
फिर वो चाहे पूरा परिवार ही क्यों न हो,
उसे सहयोग की ज़रूरत है, एक परिवार की,
✍️तोषी गुप्ता✍️
16-06-2021
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